आखिर सोने में निवेश क्यों करें जब पैसा बैंक में भी सुरक्षित है ?
जब भी निवेश की बात आती है तो सबसे पहला नाम बैंक का आता है क्योंकि बैंक में रखा पैसा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ सुरक्षा ही निवेश का लक्ष्य होना चाहिए या फिर पैसे की वास्तविक बढ़त और भविष्य की ताकत भी उतनी ही जरूरी है। इसी सोच के साथ यह समझना जरूरी हो जाता है कि जब बैंक में पैसा सुरक्षित है, तब भी सोने में निवेश क्यों किया जाता है।
बैंक में पैसा कितना सुरक्षित और कितना फायदेमंद है,
बैंक में जमा पैसा तकनीकी रूप से सुरक्षित होता है। सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा रखने से आपको एक निश्चित ब्याज मिलता है। लेकिन महंगाई के इस दौर में बैंक का ब्याज अक्सर महंगाई की दर से कम होता है। इसका मतलब यह हुआ कि भले ही आपका पैसा सुरक्षित है, लेकिन उसकी खरीदने की ताकत धीरे धीरे कम होती जाती है। लंबे समय में आपका पैसा बढ़ने की जगह स्थिर या कमजोर हो सकता है।
सोना महंगाई के खिलाफ सुरक्षा क्यों देता है?
सोना एक ऐसा एसेट है जिसकी कीमत समय के साथ बढ़ती रही है। जब महंगाई बढ़ती है और पैसों की वैल्यू गिरती है, तब सोने की कीमत अक्सर ऊपर जाती है। इसी कारण सोने को महंगाई के खिलाफ सुरक्षा कवच माना जाता है। बैंक में रखा पैसा नंबर में बढ़ता है, लेकिन सोना वास्तविक वैल्यू को बनाए रखने में मदद करता है।
आर्थिक संकट में सोने की भूमिका;
जब भी आर्थिक मंदी, युद्ध या बाजार में बड़ी गिरावट आती है, तब बैंक और शेयर बाजार दोनों पर असर पड़ता है। ऐसे समय में सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन जाता है। इतिहास गवाह है कि मुश्किल दौर में सोने की मांग और कीमत दोनों बढ़ती हैं। यही कारण है कि समझदार निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोने को जरूर शामिल करते हैं।
बैंक और सोने के निवेश में मूल अंतर
बैंक में पैसा रखने का मकसद सुरक्षा और लिक्विडिटी होता है, जबकि सोने में निवेश का उद्देश्य वैल्थ प्रोटेक्शन और लॉन्ग टर्म ग्रोथ होता है। बैंक का ब्याज तय होता है, लेकिन सोना समय के साथ आपकी संपत्ति की वैल्यू बढ़ाने की क्षमता रखता है। दोनों की भूमिका अलग है और दोनों एक दूसरे का विकल्प नहीं बल्कि पूरक हैं।
सोना पोर्टफोलियो को कैसे मजबूत बनाता है !
अगर आप सारा पैसा सिर्फ बैंक में रखते हैं तो आपका निवेश एक ही जगह केंद्रित रहता है। सोने में निवेश करने से आपका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई होता है। जब एक एसेट कमजोर प्रदर्शन करता है, तब दूसरा उसे संतुलित कर सकता है। यही संतुलन लंबे समय में वित्तीय स्थिरता देता है।
डिजिटल युग में सोने में निवेश आसान क्यों है?
पहले सोने में निवेश का मतलब गहने या सिक्के खरीदना था, जिसमें सुरक्षा और शुद्धता की चिंता रहती थी। आज के समय में गोल्ड ईटीएफ, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प मौजूद हैं। इन माध्यमों से आप बिना किसी झंझट के सुरक्षित तरीके से सोने में निवेश कर सकते हैं।
कितना पैसा बैंक में और कितना सोने में निवेश करना चाहिए,
यह जरूरी नहीं कि आप बैंक से पैसा निकालकर सारा सोने में लगा दें। बैंक आपकी रोजमर्रा की जरूरतों और आपातकाल के लिए जरूरी है। वहीं सोना आपके भविष्य और संपत्ति की रक्षा के लिए अहम है। संतुलित निवेश वही होता है जिसमें बैंक और सोना दोनों का सही अनुपात हो।
निष्कर्ष
सोने में निवेश क्यों करें जब पैसा बैंक में भी सुरक्षित है, इसका जवाब यही है कि सुरक्षा और संपत्ति बढ़ाने में फर्क होता है। बैंक पैसा सुरक्षित रखता है, लेकिन सोना उसकी वास्तविक ताकत को बनाए रखता है। समझदार निवेशक वही होता है जो केवल सुरक्षा नहीं बल्कि भविष्य की मजबूती पर भी ध्यान देता है। सोना और बैंक दोनों मिलकर एक मजबूत वित्तीय आधार बनाते हैं। निवेश से होने वाले लाभ या नुकसान की पूरी जिम्मेदारी निवेशक की स्वयं की होगी।

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